विभिन्न प्रकार के स्विचों की पहचान करना तथा उनकी विशिष्टताओं का अध्ययन करना 

आवश्यकताएं (Requirements) 

1. मल्टीमीटर 2. विभिन्न प्रकार के स्विच 3. कनेक्टिंग वायर्स 

क्रियाविधि (Procedure) 

1. सभी औजारों एवं सामग्री को वर्क बेंच पर रखें।

2. इसके बाद विभिन्न प्रकार के स्विचों का अध्ययन करें, जो निम्न प्रकार हैं-

(i) सिंगल पोल सिंगल थ्रो (SPST) स्विच – इस प्रकार के स्विच में केवल एक आर्म या लीवर होता है, जिसे पोल कहते हैं। इसमें यह पोल, परिपथ को जोड़ता है व विच्छेदित करता है। इस प्रकार के स्विचों का प्रयोग प्रायः सिंगल वायर परिपथ में किया जाता है।

(ii) सिंगल पोल डबल थ्रो (SPDT) स्विच – इस प्रकार के स्विच की दो ऑन अवस्थाएं तथा एक ऑफ अवस्था होती है। इसमें केवल एक लीवर या आर्म होती है, जो दोनों ऑन स्थितियों में से किसी एक पर रहता है। इस प्रकार के स्विच का प्रयोग प्राय: दो परिपथों को जोड़ने में किया जाता है।

(iii) डबल पोल सिंगल थ्रो (DPST) स्विच – इस प्रकार के स्विच में केवल एक ही ऑन स्थिति होती है। इस स्विच द्वारा हम दो विभिन्न परिपथों को नियन्त्रित कर सकते हैं। इस प्रकार के स्विचों को SPST स्विच की तरह भी उपयोग किया जा सकता है।

(iv) डबल पोल डबल थ्रो (DPDT) स्विच – इस प्रकार के स्विच में दो ऑन अवस्थाएं होती हैं। इसमें स्विच की दोनों आर्म या लीवर सम्पर्क बनाती हैं। इस प्रकार के स्विच को दो DPST स्विचों के सम्मिलित रूप की तरह प्रयुक्त किया जाता है। इस प्रकार के स्विच में छः टर्मिनल होते हैं।

(v) अन्य स्विच – इलैक्ट्रॉनिक परिपथों में विभिन्न प्रकार के ऐसे स्विच भी उपयोग किये जाते हैं, जो SPST स्विच की तरह ही कार्य करते हैं तथा सामान्यतः इनका उपयोग किसी परिपथ को ON/OFF करने के लिए किया जाता है।

(c) पिआनो स्विच

(b) प्रतीक चिन्ह

सावधानियां (Precautions)

1. सभी स्विचों में अन्तर को ध्यानपूर्वक समझें।

2. प्रयोगशाला में कार्य करते समय आपकी एकाग्रता कार्य की तरफ होनी चाहिए।

परिणाम (Result)

इस प्रयोग में हमने विभिन्न प्रकार के स्विचों की पहचान कर उनकी विशिष्टताओं का अध्ययन किया।

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