कम्प्यूटर के फ्रन्ट (Front) तथा रियर पैनल (Panel) पर स्थित कन्ट्रोल्स (Controls) तथा पोर्ट्स (Ports) की पहचान करना

आवश्यकताएं (Requirements)

1. कम्प्यूटर सिस्टम

क्रियाविधि (Procedure)

फ्रन्ट पैनल (Front Panel)

1. DVD Writer – कैबिनेट (Cabinet) के सबसे ऊपर का स्लॉट (Slot), CD-ROM या DVD-Writer का होता है।

2. पावर LED (Power LED) – एक LED लाइट जो कम्प्यूटर में इनपुट पावर (Input Power) ऑन (ON) होने के संकेत को दर्शाती है, पावर LED कहलाती है। यह अधिकांशतः हरे (Green) रंग की होती है।

3. HDD-LED – जब हम कम्प्यूटर पर काम कर रहे होते हैं तो हार्डडिस्क का उपयोग भी होता है तो यह LED चमक कर हार्डडिस्क के हो रहे उपयोग का संकेत देती है।

4. रिसेट स्वीच (Reset Switch)- जब कम्प्यूटर हैंग हो जाए और आप इससे कुछ भी कार्य करने में समर्थ न हों तब इस बटन का उपयोग करना सुविधाजनक होता है। इस बटन को प्रेस (Press) करने/दबाने पर कम्प्यूटर री-बूट (Re-Boot) हो जाता है।

5. फ्रंट (Front) USB – बार-बार कैबिनेट (Cabinet) के पीछे की तरफ (Back side) पर USB डिवाइस को कनेक्ट (Connect) करना सुविधाजनक नहीं होता है इसलिए कैबिनेट के आगे की तरफ (Front Side) में USB डिवाइस को कनेक्ट करने की सुविधा प्रदान की जाती है।

6. फ्रन्ट ऑडियो पोर्ट्स (Front Audio Ports) – यूजर की सुविधा को ध्यान में रखते हुए माइक (Mic) तथा हैडफोन (Headphone) के पोटर्स कैबिनेट के फ्रन्ट साइड (Front side) में भी दिये जाते हैं।

7. पावर स्विच (Power Switch) – कम्प्यूटर को ऑन (ON) करने के लिए पॉवर स्विच (Power Switch) का उपयोग किया जाता है।

रियर पैनल (Rear Panel)

1. SMPS – SMPS (Switch Mode Power Supply) इलैक्ट्रॉनिक सर्किट्स का उपयोग कर AC इनपुट वोल्टेज को DC सप्लाई में कन्वर्ट (Convert) करता है। जिसे विभिन्न कलर-कोड वायर्स (Color-code wires) के माध्यम से कनेक्टर्स तक पहुंचाया जाता है।

2. SMPS फैन (Fan) – यह SMPS के अन्दर फिक्स होता है तथा SMPS के अन्दर की हीट (Internal heat) बाहर

को निकालने का काम करता है।

3. पावर इन सॉकेट (Power In Socket ) – इस सॉकेट का उपयोग कम्प्यूटर में मुख्य आपूर्ति (Main Supply) (220v AC) देने के लिए किया जाता है।

4. DVI पोर्ट (Port) – DVI (Digital Video Interface) एक उच्च गति सीरियल लिंक (High speed serial link) होता जिसका उपयोग आउटपुट डिस्प्ले डिवाइसेज (Output Display Devices) को कनेक्ट (Connect) करने के लिए किया जाता है।

7. HDMI पोर्ट (Port)- HDMI (High Definition Multimedia Interface) Channel Sound के लिए नवीनतम (Latest) इन्टरफेस है। इसकी सहायता से HDMI इनेबल (Enabled) ब्लू रे डिवाइसेज (Blue Ray Devices) जैसे- LEDs आदि को कम्प्यूटर से कनेक्ट किया जा सकता है।

8. 15-पीन फिमेल VGA पोर्ट (15-Pin Female VGA Port) – इसका उपयोग डिस्प्ले डिवाइसेज (Display Devices), जैसे-मॉनिटर/LCD/LED आदि को कनेक्ट करने के लिए किया जाता है।

9. LAN पोर्ट (Port) – LAN पोर्ट या नेटवर्क पोर्ट (Network Port) की सहायता से एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर या अन्य डिवाइस को कनेक्ट किया जा सकता है।

10. ऑडियो पोर्ट (Audio Port) – सामान्यत: इनकी संख्या 3 होती है, जो कि अलग-अलग कलर के होते हैं। यह तीनों पोर्ट लम्बवत् (Vertically) या क्षैतिज (Horizontally) स्थिति में हो सकते हैं। हरे (Green) रंग का पोर्ट हैडफोन या स्पीकर, नीले रंग का पोर्ट लाइन-इन (एक्सटर्नल ऑडियो डिवाइस (External Audio Devices) जैसे- म्यूजिकल इन्स्ट्रूमेन्ट, आडियो मिक्सर आदि) तथा गुलाबी रंग का पोर्ट माइक के लिए होता है।

11. एक्स्पेन्शन स्लॉट्स (Expansion Slots) – एक्सपेन्शन स्लॉट्स की सहायता से कम्प्यूटर में कुछ एक्स्ट्रा कार्ड्स को जोड़ा (Add) जा सकता है। जो कि मदरबोर्ड (Motherboard) की क्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं।

सावधानियां (Precautions)

1.अनावश्यक वायर्स को न छुएं।

2.फ्रन्ट और रियर पैनल के पोर्ट्स का सावधानीपूर्वक अध्ययन करें।

परिणाम (Result)

इस प्रयोग में हमने कम्प्यूटर के फ्रन्ट तथा रियर पैनल पर स्थित कन्ट्रोल्स तथा पोर्ट्स की पहचान करना सीखा।

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