CRO के फ्रन्ट पैनल कन्ट्रोलों की पहचान करना 

आवश्यकताएं (Requirements) 

1. CRO2. कनेक्टिंग प्रोब 

क्रियाविधि (Procedure) 

1. सभी औजार एवं CRO को वर्क बैंच पर रखें । 

2. CRO के प्रमुख भागों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें, जो अग्र प्रकार हैं – 

(i) CRO डिस्प्ले- CRO की डिस्प्ले क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर लाइनों मैट्रिक्सनुमा संरचना होती है। इसका क्षैतिज अक्ष समय एवं ऊर्ध्वाधर अक्ष बोल्टेज को दर्शाता है। 

(ii) CRO नॉब अथवा बटन- CRO डिस्प्ले पर प्रदर्शित सिग्नल कन्ट्रोल करने के लिए विभिन्न नॉव अथवा बटन उपयोग में लिए जाते हैं, को निम्न प्रकार है- 

(a) ON / OFF – आवश्यकता होने पर CRO को ON अथवा OFF करने के लिए । 

(b) AC/DC/GD- ये इनपुट सिग्नल की फिल्टरिंग करने के लिए प्रयुक्त होते हैं। AC की स्थिति में इनपुट सिग्नल RC फिल्टर परिपथ से गुजरता है, जहां DC घटक सिग्नल से पृथक हो जाते हैं DC की स्थिति में सिग्नल RC फिल्टर परिपथ से पास नहीं होता है । इससे DC घटक सिग्नल में बने रहते हैं। इसी प्रकार GD की स्थिति में CRO की डिस्प्ले पर एक क्षैतिज लाइन दिखाई देती है, चूंकि इस दौरान ग्राउण्ड एवं इनपुट सिग्नल के विभवान्तर का मान शून्य होता है। 

(c) Intensity – यह एक पोटेन्शियोमीटर होता है, जिसके द्वारा पर्दे पर प्रकाशित विन्दु की चमक को घटाया बढ़ाया जाता है। 

(d) Focus- यह भी एक पोटेन्शियोमीटर होता है जो फोकसिंग एनोड परिपथ से जुड़ा होता है। इसके द्वारा पर्दे पर प्रकाशित क्षैतिज रेखा अथवा सिग्नल की मोटाई को घटाया बढ़ाया जा सकता है। 

(e) Horizontal – इस पोटेन्शियोमीटर के द्वारा प्रकाशित बिन्दु को आवश्यकतानुसार बाएं खिसकाकर, मध्य स्थिति में सैट किया जाता है। यह पोटेन्शियोमीटर, होरीजॉन्टल डिफ्लैक्शन प्लेट्स के परिपथ में जुड़ा होता है। 

(f) Vertical – इस पोटेन्शियोमीटर के द्वारा प्रकाशित बिन्दु को आवश्यकतानुसार ऊपर-नीचे खिसकाकर सैट किया जाता है। यह पोटेन्शियोमीटर, वर्टीकल डिफ्लैक्शन प्लेट्स के परिपथ में जुड़ा होता है। 

(g) Time Base – टाइम बेस परिपथ में जुड़े इस पोटेन्शियोमीटर द्वारा टाइम पीरियड को घटाया बढ़ाया जाता है। 

(h) Amplitude – यह पोटेन्शियोमीटर वीडियो एम्प्लीफायर परिपथ से जुड़ा होता है और इसके द्वारा सिग्नल डिस्प्ले के एम्प्लीट्यूड को घटाया बढ़ाया जाता है। 

(i) Trigger – यह वर्टीकल एम्प्लीफायर परिपथ से जुड़ा पोटेन्शियोमीटर है जिसके द्वारा सिग्नल के ‘वर्टीकल रोलिंग’ (Vertical Rolling) को नियन्त्रित किया जाता है। 

सावधानियां (Precautions) 

1. सिग्नल की चमक को सामान्य स्तर पर रखें। चमक अधिक होने पर आंखें तथा कैथोड -रे ट्यूब दोनों ही शीघ्र खराब हो सकती हैं। 

2. अज्ञात वोल्टेज का मान नापते समय ‘सुग्राहिता’ को अधिकतम मान पर रखें और तत्पश्चात् आवश्यकतानुसार घटा 1 

3. यंत्र की प्रचालन पुस्तिका का अध्ययन करें और उसमें दिए गए निर्देशों का पालन करें। 

परिणाम (Result) 

इस प्रयोग में हमने CRO के फ्रन्ट पैनल कन्ट्रोलों की पहचान करना सीखा। 

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